उत्तराखंड रजत जयंती: विकास और आत्मनिर्भरता का संकल्प

उत्तराखंड रजत जयंती : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ओहो हिल यात्रा के चौथे संस्करण “रजत से स्वर्ण की ओर” के समापन कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष को मनाते हुए, हमें अपने प्रदेश को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का दृढ़ संकल्प लेना होगा।
उत्तराखंड रजत जयंती – पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय रूप से 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर प्रदर्शन किया है उन्होंने सरकार की ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना को स्थानीय स्तर पर आजीविका के अवसर बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया। इसके साथ ही, ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान मिल रही है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, ‘वेड इन उत्तराखण्ड’, और ‘सौर स्वरोजगार योजना’ जैसी प्रगतिशील पहलों से राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण मजबूती मिल रही है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपने-अपने क्षेत्र में पूरी निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ योगदान देगा, तो उत्तराखंड को एक विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनने से कोई भी शक्ति नहीं रोक सकती।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए तेजी से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी के प्रोत्साहन से राज्य में आदि कैलाश एवं शीत कालीन यात्रा को नई गति मिली है। राज्य सरकार पर वर्ष 2026 में नंदा देवी यात्रा तथा 2027 में कुम्भ के भव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
सीएम ने वर्तमान रोजगार परिदृश्य में तेजी से हो रहे बदलावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तकनीकी नवाचार और वैश्विक परिवर्तनों के कारण रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं, जबकि कुछ पुराने अवसर समाप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, स्टार्टअप की वित्तीय सहायता के लिए ₹200 करोड़ के वेंचर फंड की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारे युवा केवल नौकरी ढूंढने वाले ही न बनें, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, डायरेक्टर एस.ओ.ए रवि भटनागर, प्रदेशभर से आए छात्र-छात्राएं, अभिभावक एवं शिक्षक आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।