Main Slideकहानी कविता
गिरकर संभलना आता है ,उसे किसी के सहारे की जरूरत भी नहीं …


अर्चना चौहान
(प्रधानाचार्या, नागौर- राजस्थान)
गिरकर संभालना आता है..
निगाहें उसकी सिर्फ मंजिल की तरफ ही होती है
अपनों से पहले दूसरों की जिंदगी सवाॅरती है ..
हौसलों से ही उसकी पहचान है…
काबिलियत से ही इतिहास में उसका नाम है
हौसला ऐसा.. आसमान से ऊंची उड़ान है
गिरकर संभालना आता है..सहारे की जरूरत भी नहीं
भोर की किरण जैसा उसका संबल ..उसका आत्मविश्वास
हवाओं को चलना कौन सिखा पाया है…
उसे किसी के सहारे की जरूरत भी नहीं
महिला सशक्तीकरण पर अर्चना चौहान की कविता
(प्रधानाचार्या, नागौर- राजस्थान)
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महिला सशक्तीकरण के लिए दिए गए अधिकार
wikipedia
- समान वेतन का अधिकार – समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता |
- कार्य-स्थल में उत्पीड़न के खिलाफ कानून – यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत आपको वर्किंग प्लेस पर हुए यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का पूरा हक है। केंद्र सरकार ने भी महिला कर्मचारियों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत वर्किंग प्लेस पर यौन शोषण के शिकायत दर्ज होने पर महिलाओं को जांच लंबित रहने तक 90 दिन का पैड लीव दी जाएगी।
- कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार – भारत के हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह एक महिला को उसके मूल अधिकार ‘जीने के अधिकार’ का अनुभव करने दें। गर्भाधान और प्रसव से पूर्व पहचान करने की तकनीक लिंग चयन पर रोक अधिनियम (PCPNDT) कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार देता है।
- संपत्ति पर अधिकार – हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम के तहत नए नियमों के आधार पर पुश्तैनी संपत्ति पर महिला और पुरुष दोनों का बराबर हक है।
- गरिमा और शालीनता के लिए अधिकार – किसी मामले में अगर आरोपी एक महिला है तो उस पर की जाने वाली कोई भी चिकित्सा जांच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी दूसरी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए।
- महिला सशक्तीकरण – महिलाओं का पारिवारिक बंधनों से मुक्त होकर अपने और अपने देश के बारे में सोचने की क्षमता का विकास होना ही महिला सशक्तीकरण कहलाता है
- महिला श्रेष्ठता – समाज में महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए क्योंकि आज के समय में महिला हर क्षेत्र में आगे है चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर खेल के क्षेत्र में